प्यार है तो
प्यार है तो इसे छुपायो ना सनम ,
इस का इजहार हम खाते पिटे करे .
छोडो चर्चा जुदाई का ऐ हसीन ,
आओ मिल के मुलाकात की बाते करे .
वे-सब्ब रूठ कर तडपाते क्यों कर हो ,
आओ आठो पहर हम मुलाकाते करे .
काली रातो मे जख्म सहलाते हो क्यों ,
आओ मिल कर रोशन हम राते करे .
प्यार से हम रोशन कर दे जमाना ,
प्यार हम एक दूजे से आते जाते करे .
राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर
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