Sunday, 18 November 2012

प्यार है तो

    प्यार है तो 

प्यार है तो इसे छुपायो ना सनम ,
इस का इजहार हम खाते पिटे करे .
छोडो चर्चा जुदाई का ऐ हसीन ,
आओ मिल के मुलाकात की बाते करे .
वे-सब्ब रूठ कर तडपाते क्यों कर हो ,
आओ आठो पहर हम मुलाकाते करे .
काली रातो मे जख्म सहलाते हो क्यों ,
आओ मिल कर रोशन हम राते करे .
प्यार से हम रोशन कर दे जमाना ,
प्यार हम एक दूजे से आते जाते करे .
                          राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर  

No comments:

Post a Comment