Saturday, 20 July 2013

इश्क हकीकी

                इश्क हकीकी 
इश्क मजाजी राहे पाना ,
 ***********इश्क हकीकी दूर टिकाना !
              मै मशूक हो गया 
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इश्क मज़ाज़ का था मशूक का था ,
मै उस मे इस कदर खो  गया !
के हक़ीकत मे मै खुद मशूक हो गया ,
वो मेरा मशूक ना हुआ यह शुकर है खुदाया ,
तभी तो तू मेरा महबूब हो गया ,मै तेरा मशूक हो गया !
मैंने प्रीत करना सीख लिया निभाना सीख लिया ,
परवाने की तरह जलना सीख लिया आह भरना सीख लिया !
जिन्दा जी केसे मरते है मरना सीख लिया !
इन्तजार करके जिन्दगी भर ,
सबर सीख लिया संयम सीख लिया !
बर्षो गवा के जिन्दगी यू ही ,
किसी की एक प्यारी निगाह के लिये !
ख्वाब सजा के उनके साथ प्यारी जिन्दगी के ,
उन को मिटाना सीख़ लिया ,
हँसते -हँसते खुद को मिटाना सीख लिया ,
तुझको मेरे खुदाया पाना सीख लिया !
तेरी एक झलक के लिये ,
जिन्दगी गवाना सीख लिया !
          राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर 
     पंजाब भारत 

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