भगवन
तेरा ना कोई ओर -छोर ना टिकाना भगवन ,
आ के खुद ही अपनी बात बताना भगवन !
तेरी पचिदियो को कोन पकड सका है अब तक ,
आके एक आद मुझ को भी समझाना भगवन !
जिसने देख ली बस तेरी एक झलक वो दीवाना हो गया ,
मेरे दिल की अखियो को भी एक किरण दिखाना भगवन !
दुनिया मे किसी का क्या खुद का भी सहारा ना मिला ,
थाम के ऊँगली मेरी ,मुझको अपना बनाना भगवन !
तेरी इस हसीन धरती पे कुछ भी तो ना मिला ,
बस हमे आया सिसकना ,सिमटना -शरमाना भगवन !
राजीव अर्पण ,फिरोजपुर शहर
पंजाब भारत
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