Monday, 26 August 2013

गहरी साजिश

                गहरी साजिश 
गहरी साजिश कर दुनिया से यह दुनिया दारी है ,
दुनिया में दुनियादार ही जीने का अधिकारी है !
तूँ सारी प्यारी चीजे दुनिया से फरेब से छीन ले ,
यह ही आज कल की सोच है यही समझदारी है !
दुनिया को बुध्दू बना जादू दिखा बहक  जा  ,
जिन्दगी एक खेल है तू रहबर है मदारी  है !
 लुटने वाले ना समझे गे तेरे प्यार तेरी वफा को 
होश कर समझदार बन ,क्यू हुआ जा रहा भिखारी है ,
माना के तूं उसे प्यार करता है दिलो जान  से ,
अर्पण खुद को भी बचाना खुदारी है तेरी जुमेदारी है !
                                  राजीव अर्पण 
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           जिंदगी की चाल 
सुस्त है जिंदगी की चाल ,
  जरा तेज कर दे ,
ऐ मेरे रहबर मेरे मसीहा ,
मेरी झोली फूलो से भर दे !
तरसता है जिया ,
 दामन नही भरता ,
मुझे कोई महबूब दे ,
मुझे तूं मशहूर कर  दे !
सुस्त है जिंदगी की चाल ,
  जरा तेज कर दे !
                           राजीव अर्पण फिरोजपुर 
               शहर पंजाब भारत 

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