Monday 29 July 2013

लफजो के पार

         लफजो के पार 
लफज बहुत लिख लिये ,
लफजो के पार जाना है !
मेरे सनम तेरा मेरा ,
एक साथ ठिकाना है !
है कोन मेरा सनम ,
कोई बन के तो दिखाये !
आसमान झुक जाये ,
हवाये गीत गाये !
है मेरी प्रीत सा ,
पवीत्र कोई !
वो गुल चमन में ,
खिल के तो दिखाये !
है सिमटने की आरजू ,
मुझ में भी !
वो कली आ के ,
मुझ से लिपट जाये 
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    नग्मा होगा 
तेरी बात गजल होगी ,
तेरा इजहार नग्मा होगा !
यू रुठ के ना जाना ,
मेरे दिल को सदमा होगा !
लोग कहें गे यह सेदा है उसका ,
बिन बात यह मजमा होगा !
    राजीव अर्पण 
 

Saturday 20 July 2013

दूर इश्क हकीकी

           दूर इश्क हकीकी 
इतना सोचा के सोच के बाहर हो गया ,
बस तू -है तू ही है तुझ मे खो गया !
तू मिला तो हुआ है मुझ से ,
पर मुझे ही सबर नही !
क्या  मिला है मुझे ,
मुझे यह भी खबर नही !
अकल के बहार है तेरी यह धरती ,
ओर दूसरी धरतीयो का अंत नही !
तेरे गच्चे ,गोशे इक किनके का भी ईलम नही ,
तेरी अरमानो जेसी फ़िजायो ,घटायो ,हवायो ,
सपनों सी दुनिया का ईलम किसे ,
जिन का जिस्म नही !
यह सब मेरी अकल से दूर हो गया ,
मेरे खुदाया तू मेरा महरम मै तेरा माशूक हो गया !
                  राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर पंजाब 
                           भारत 

इश्क हकीकी

                इश्क हकीकी 
इश्क मजाजी राहे पाना ,
 ***********इश्क हकीकी दूर टिकाना !
              मै मशूक हो गया 
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इश्क मज़ाज़ का था मशूक का था ,
मै उस मे इस कदर खो  गया !
के हक़ीकत मे मै खुद मशूक हो गया ,
वो मेरा मशूक ना हुआ यह शुकर है खुदाया ,
तभी तो तू मेरा महबूब हो गया ,मै तेरा मशूक हो गया !
मैंने प्रीत करना सीख लिया निभाना सीख लिया ,
परवाने की तरह जलना सीख लिया आह भरना सीख लिया !
जिन्दा जी केसे मरते है मरना सीख लिया !
इन्तजार करके जिन्दगी भर ,
सबर सीख लिया संयम सीख लिया !
बर्षो गवा के जिन्दगी यू ही ,
किसी की एक प्यारी निगाह के लिये !
ख्वाब सजा के उनके साथ प्यारी जिन्दगी के ,
उन को मिटाना सीख़ लिया ,
हँसते -हँसते खुद को मिटाना सीख लिया ,
तुझको मेरे खुदाया पाना सीख लिया !
तेरी एक झलक के लिये ,
जिन्दगी गवाना सीख लिया !
          राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर 
     पंजाब भारत 

BHAGWAN भगवन

     भगवन 
तेरा ना कोई ओर -छोर ना टिकाना भगवन ,
आ के खुद ही अपनी बात बताना भगवन !
तेरी पचिदियो को कोन पकड सका है अब तक ,
आके एक आद मुझ को भी समझाना भगवन !
जिसने देख ली बस तेरी एक झलक वो दीवाना हो गया ,
मेरे दिल की अखियो को भी एक किरण दिखाना भगवन !
दुनिया मे किसी का क्या खुद का भी सहारा ना मिला ,
थाम  के ऊँगली मेरी ,मुझको अपना बनाना भगवन !
तेरी इस हसीन धरती पे कुछ भी तो ना मिला ,
बस हमे आया सिसकना ,सिमटना -शरमाना  भगवन !
                                   राजीव अर्पण ,फिरोजपुर शहर 
                                    पंजाब भारत