तुम कहा हम कहा
तुम कहा हम कहा ,ये फासले सिमटे गे कहा ,
दिल तो तेरे करीब है ,ना जाने यह युग पलटे गे कहा .
चंद रोज गुजर जाये काश मेरे शांत कही ,
मेरे वियाकुल विचार हाय चिपटे गे कहा .
कोई मेरा आपना हो हाय मेरा आपना हो ,
यह तरसते अरमान ये बाजू लिपटे गे कहा .
खुद नशा पी -पी के तू उलट जायेगा अर्पण ,
मगर तेरे जज्बात ,अर्पण उलटे गे कहा .
तुम कहा हम कहा ...........................
राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर
पंजाब भारत
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