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RAJIV ARPAN WRITE
Saturday, 18 May 2013
आभावो से भरी जिन्दगी
आभावो से भरी जिन्दगी
आभावो से भरी जिन्दगी जिया किये हम ,
ख्वाबो से भरी बोतले पिया किये हम .
सहलाने से अर्पण कभी नही भरते जख्म ,
सबर के लम्बे धागे से सिया किये हम .
राजीव अर्पण
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