Sunday 4 August 2013

हसीन जलवे

        हसीन जलवे 
कितने हसीन जलवे है दिल लुभाने के लिये ,
पर तेरे बस में नही ,उन्हें  पाने के  लिये !
हाय वो हसीन ,यह हसीन ,इस की आंखे ,
उस का बदन  यह है तुम्हे तडफाने के लिये !
पा तो लेता उन्हें पर जमीर खो जाता ,
हम बुझ दिल ही सही इस जमाने के लिये !
तुम जो गुजरती थी साँस रोके पांव थामे ,
इसी लिये तेरा नाम चुराया है इस अफसाने के लिये !
सनम बन अर्पण का झूठा ही सही ,
चंद गजले लिखू लूगा ,दिल प्रचाने के लिये !
                              राजीव अर्पण 
 
 

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