हसीन जलवे
कितने हसीन जलवे है दिल लुभाने के लिये ,
पर तेरे बस में नही ,उन्हें पाने के लिये !
हाय वो हसीन ,यह हसीन ,इस की आंखे ,
उस का बदन यह है तुम्हे तडफाने के लिये !
पा तो लेता उन्हें पर जमीर खो जाता ,
हम बुझ दिल ही सही इस जमाने के लिये !
तुम जो गुजरती थी साँस रोके पांव थामे ,
इसी लिये तेरा नाम चुराया है इस अफसाने के लिये !
सनम बन अर्पण का झूठा ही सही ,
चंद गजले लिखू लूगा ,दिल प्रचाने के लिये !
राजीव अर्पण
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